झारखण्ड पठारी क्षेत्र में होते हुई भी यहाँ की भूमि कृषि के लिए उपयुक्त है। झारखण्ड कृषि(Jharkhand Agriculture) के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य किसानों के हित में कर रही है। यहाँ की खेती मुख्य रूप से बारिश पर निर्भर है, परन्तु किसान नदी का पानी, कुँआ, तालाब, नहर एवं नलकूप द्वारा भी सिंचाई करके खेती करते है।
झारखण्ड की कृषि(Jharkhand Agriculture)
- कृषि के क्षेत्र में झारखण्ड की 75 प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्य में संलग्न है।
- झारखण्ड में कृषि योग्य भूमि 38 लाख हेक्टेयर( कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 47.69 %) है।
- झारखण्ड में कृषि कार्य के लिए उपयोग भूमि 23 प्रतिशत है।
- राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 7.12 प्रतिशत बंजर जमीन है।
फसल की फसलें(Crops of Jharkhand)
झारखण्ड में मुख्यता तीन प्रकार की फसल होती है।
- खरीफ फसल
- रबी फसल
- जायद फसल
खरीफ फसल
- खरीफ फसल जुलाई में बोया जाता है, तथा सितम्बर से अक्टूबर में काट लिया जाता है।
- यह खरीफ फसल 90 प्रतिशत भाग में उगाया जाता है।
- इस खरीफ फसल में जो फसलें आते है वो इस प्रकार है धान, ज्वार, बाजरा, मूंगफली, गन्ना, मक्का इत्यादि।
रबी फसल
- रबी फसल नवंबर से दिसंबर में बोया जाता है, तथा मार्च से अप्रैल में काट लिया जाता है।
- यह रबी फसल झारखण्ड के लगभग 10 प्रतिशत भाग में उगाया जाता है।
- इस रबी फसल में गेहूँ, जौ, तिलहन, चना इत्यादि आते है।
जायद फसल
- जायद फसल में महुआ की खेती होती है।
- झारखण्ड के जंगलों में आदिवासी परिवार महुआ की खेती बहुत अधिक मात्रा में करते है।
झारखण्ड की प्रमुख फसलें (Major Crop of Jharkhand)
- प्रथम – धान
- द्वितय – मक्का
- तृतीय – गेँहू
झारखण्ड में सबसे ज्यादा धान की खेती की जाती है। धान की खेती के लिए सबसे बड़ा उत्पादक जिला पश्चिमी सिंहभूम है। जिसकी उत्पादन क्षमता 1950 kg/हेक्टेयर है।
राज्य में खेती के लिए सिंचाई व्यवश्था
सिंचाई के साधन | उपयोग प्रतिशत | संबंधित जिले |
कुँआ | 30% | गुमला, गिरिडीह |
तालाब | 19% | देवघर |
नहर | 18% | सिंहभूम, सरायकेला |
नलकूप | 8% | लोहरदगा |
अन्य | 25% | — |
सिंचाई से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण चीजें
- कुल जल संसाधन का सतही जल द्वारा सिंचाई – 82.7%
- कुल सिंचित भूमि – 12.77%
- कुल जल संसाधन का भूमिगत जल द्वारा सिंचाई – 17.3%
- कुल सिंचित भूमि का भूमिगत जल द्वारा सिंचाई – 41.7%
- कुल सिंचित भूमि का सतही जल द्वारा सिंचाई – 58.3%
- सिंचाई की सर्वाधिक आवश्यकता वाले जिले – गुमला, दुमका, गोड्डा, साहेबगंज
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Jharkhand Agriculture : झारखण्ड की कृषि एवं सिंचाई से महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
प्रश्न : राज्य में कृषि भूमि में सिंचित भूमि कितना प्रतिशत है?
उत्तर : झारखंड राज्य की कृषि में 11 प्रतिशत सिंचित भूमि है। यहाँ पर नहर, तालाब, कुँआ, नलकूप आदि सिंचाई के मुख्य साधन है।
प्रश्न : झारखण्ड में सर्वाधिक मात्रा में गेहूँ का उत्पादक कहां होता है।
उत्तर : गेहूं राज्य की तीसरी प्रमुख फसल है, राज्य में सर्वाधिक मात्रा में गेंहू का उत्पादक पलामू जिला में होता है।
प्रश्न : नलकूप द्वारा झारखण्ड के किस जिले में सर्वाधिक सिंचाईं की जाती है।
उत्तर : नलकूप द्वारा झारखण्ड के लोहरदगा जिले में कुल सिंचित भूमि का 32.6% सर्वाधिक सिंचाईं की जाती है। झारखण्ड के कुल सिंचित क्षेत्र में नलकूप का योगदान लगभग 8% है।
प्रश्न : तालाब द्वारा सर्वाधिक सिंचाई झारखण्ड के किस जिले में होती है?
उत्तर : तालाब द्वारा सर्वाधिक सिंचाई झारखण्ड के देवघर जिले में होती है। झारखण्ड के कुल सिंचित क्षेत्र में तालाब का योगदान लगभग 19% है।
प्रश्न : निम्नलिखित में से कौन- सी झारखण्ड राज्य की महत्वपूर्ण निर्यात फल है?
उत्तर : झारखण्ड राज्य की सबसे अधिक निर्यात होने वाली फल पपीता है। इसका उत्पादन पलामू प्रमंडल में सबसे अधिक है।
प्रश्न : झारखण्ड राज्य की कृषि मुलत: किस जलवायु पर आधारित है?
उत्तर : झारखण्ड राज्य की कृषि मानसूनी जलवायु पर आधारित है।
प्रश्न : झारखण्ड में रबी फसल के अंतर्गत किस फसल की खेती सर्वाधिक क्षेत्र पर की जाती है?
उत्तर : झारखण्ड में रबी फसल के अंतर्गत सर्वाधिक क्षेत्र पर चना(25%) तथा दूसरे स्थान पर गेहूं (20%) की खेती की जाती है।
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