Nadi Ghati Pariyojana – बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ

नदी  घाटी  परियोजना(Nadi Ghati Pariyojana) : नदियों पर बड़े- बड़े बांध बनाकर विद्युत उत्पादन, सिंचाई की सुविधा, मछली पालन, पर्यटन स्थलों की सुविधा आदि प्राप्त की जाती है, इसे नदी घाटी परियोजना कहा जाता है।

बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ(Bahuuddeshiya Nadi Ghati Pariyojana) : नदियों पर बांध बनाकर उससे एक से अधिक उद्देश के लिए उपयोग किया जाना बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ कहलाता है। दूसरी शब्दो में अगर हम इसे जाने तो ।
एक से अधिक उद्देश हो जाने के कारण इसे बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ भी कहा जाता है। राज्य में बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना का निर्माण किया गया है, जिसका उद्देश निम्न है-

  • सिंचाई क्षेत्र का विस्तार
  • विद्युत् उत्पादन और औद्योगिक विकास
  • बाढ़ नियंत्रण
  • मत्स्य पालन
  • पेज जल एवं पशुओं के लिए चारा उत्पादन 

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प्रमुख सिंचाई परियोजनाएँ

झारखण्ड राज्य के प्रमुख बहुउद्देशीय परियोजनाओं में दामोदर नदी घाटी परियोजना एवं स्वर्णरेखा नदी घाटी बहुउद्देशीय  परियोजना प्रमुख है।

1 . दामोदर नदी घाटी परियोजना(Damodar Nadi Ghati Pariyojana) : यह परियोजना भारत की सबसे पहली बहुउद्देशीय परियोजना है, जो कि टेनेसी बहुउद्देशीय परियोजना(TVA) से प्रेरित होकर बनाई गई है। इस परियोजना को चलने के लिए Damodar Valley Corporation(DVC) की स्थापना 7 जुलाई 1948 ई. में किया गया। यह परियोजना झारखण्ड और पश्चिम बंगाल की संयुक्त परियोजना है। इस परियोजना का मुख्यालय कोलकाता में स्थापित किया गया है। तथा दामोदर घाटी निगम का भूमि संरक्षण डिवीज़न हजारीबाग में है।

स्वत्रंत भारत की प्रथम विद्युत योजना दामोदर नदी पर बनाई गयी है। जिसमे 1200 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता है। इस परियोजना के अंतर्गत दामोदर नदी तथा इसकी सहायक नदियों पर बांध(Dam) एवं विद्युत गृह(Power Stations) का निर्माण किया गया है। जो कुछ इस प्रकार है- 1 अवरोधक बांध, 8 बड़े बांध, 3 तापीय विद्युत केंद्र तथा 6 जल विधुत केंद्र आते है। दामोदर घाटी का सिंचाई क्षेत्रफल 8 लाख हेक्टेयर है।

Damodar Nadi Ghati Pariyojana

1 अवरोधक बाँध(Barrier Dam) दुर्गापुर अवरोधक बाँध

8 बड़े बाँध(Dam) 

बाँध  नदी    जिला    स्थापना 
 तिलैया  बराकर नदी  कोडरमा  1953
 मैथन  बराकर नदी  धनबाद  1958
 बाल पहाड़ी  बराकर नदी  गिरिडीह
 पंचेत  दामोदर नदी  धनबाद  1954
 अय्यर( तेनुघाट डैम )  दामोदर नदी
 बेरमे  दामोदर नदी  बोकारो
 बोकारो  बोकारो नदी  बोकारो
 कोनार  बोकारो  नदी  हजारीबाग  1954

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6 जल विद्युत केंद्र (Hydro Power Stations)

  • तिलैया विद्युत केंद्र
  •  मैथन विद्युत केंद्र
  • पंचेत विद्युत केंद्र
  • बाल पहाड़ी विद्युत केंद्र
  • बेरमे विद्युत केंद्र
  • कोनार विद्युत केंद्र

3 तापीय विद्युत केंद्र(Thermal Power Stations)

  • बोकारो तापीय विद्युत केंद्र – बोकारो जिला
  • चंद्रपुरा तापीय विद्युत केंद्र – बोकारो जिला
  • दुर्गापुर तापीय विद्युत केंद्र –  दुर्गापुर जिला

2 . स्वर्णरेखा नदी परियोजना(swarnarekha nadi pariyojana) 

स्वर्णरेखा नदी परियोजना एक अंतरराष्ट्रीय परियोजना है, जो झारखण्ड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा की संयुक्त परियोजना है। इसका निर्माण पाँचवी पंचवर्षीय योजना के दौरान 1982 में इसकी शुरुआत की गई है। यह परियोजना वर्ल्ड बैंक की आर्थिक सहायता से चलाई जा रही है। इस परियोजना के अंतर्गत स्वर्णरेखा नदी और इसकी सहायक नदियों पर डैम और बराज(अवरोधक बांध) बना हुआ है। स्वर्णरेखा नदी पर चांडिल डैम और गालूडीह बराज एवं स्वर्णरेखा नदी की सहायक नदी खरकई नदी ईचा डैम खरकई बराज का निर्माण किया गया है। स्वर्णरेखा नदी परियोजना के तहत हुंडरू जलप्रपात से 120 मेगावाट विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है।

स्वर्णरेखा नदी परियोजना के अंतर्गत :-

 नदी   डैम(बाँध)    बराज(अवरोधक बांध)  
 स्वर्णरेखा नदी  चांडिल डैम  गालूडीह बराज
 खरकई नदी  ईचा डैम  खरकई बराज

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अन्य नदी घाटी परियोजनाएँ(Nadi Ghati Pariyojana in hindi)

मयूरराक्षी परियोजना(Mayurakshi River) 

मयूरराक्षी परियोजना झारखण्ड तथा पश्चिम बंगाल की संयुक्त परियोजना है यह परियोजना की शुरुआत 1955 ई में कनाडा के सहयोग से की गयी है। इसलिए इसे कनाडा डैम भी कहा जाता है। इस परियोजना के अंतर्गत मयूरराक्षी नदी पर कनाडा बाँध का निर्माण किया गया है। कनाडा बाँध को मसानजोर बाँध के नाम से भी जाना जाता है। इस परियोजना के अंतर्गत झारखण्ड और पश्चिम बंगाल के सीमा के पास दुमका जिले में मसानजोर नामक स्थान पर डैम और एक अवरोधक बांध तिलपरा में बनाया गया है।

उत्तरी कोयल परियोजना(North Koel River) 

इस योजना का निर्माण गढ़वा जिले के कुटकु नामक गाँव के पास उत्तरी कोयल नदी पर एक मंडल डैम और एक विद्युत केंद्र बनाया जा रहा है। इस योजना से 24 मेगावाट विद्युत का उत्पादन भी किया जाएगा।

अमानत बराज परियोजना 

अमानत बराज परियोजना का निर्माण पलामू जिले के पांकी प्रखंड में अमानत नदी पर किया जा रहा है। इस योजना के पूर्ण होने पर इससे  25,000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा प्रदान की जाएगी।

गुनामी बराज परियोजना 

गुनामी बराज परियोजना में बाँध का निर्माण गुनामी नदी पर साहेबगंज जिले में पेटरखासा गावं के पास किया गया है।

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नदी घाटी परियोजनाएँ से महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

प्रश्न : कौन-सी परियोजना विश्व बैंक के सहयोग से चलायी जा रही है?
उत्तर : स्वर्णरेखा परियोजना विश्व बैंक के सहयोग से चलायी जा रही है।

प्रश्न : दामोदर घाटी परियोजना का मुख्यालय कहां है?
उत्तर : दामोदर घाटी परियोजना का मुख्यालय कोलकाता में है।

प्रश्न : झारखण्ड के किस नदी पर अय्यर बाँध का निर्माण किया गया है?
उत्तर : झारखण्ड के दामोदर नदी पर अय्यर बाँध का निर्माण किया गया है।

प्रश्न : झारखण्ड के किस नदी पर चांडिल डैम का निर्माण किया गया है?
उत्तर : झारखण्ड के स्वर्णरेखा नदी पर चांडिल डैम का निर्माण किया गया है।

प्रश्न : झारखण्ड के किस नदी पर मैथन डैम का निर्माण किया गया है?
उत्तर : बराकर नदी पर मैथन बाँध का निर्माण किया गया है।

प्रश्न : प्रमुख दर्शनीय एवं पर्यटन स्थल ” चांडिल डैम ” किस जिले में अवस्थित है?
उत्तर :  स्वर्णरेखा नदी पर निर्मित चांडिल डैम झारखण्ड के सरायकेला खरसावां जिले में स्थित है।

प्रश्न : तिलैया डैम किस नदी पर स्थित है?

8उत्तर : तिलैया डैम बराकर नदी पर 1953 ई में बनाया गया था।

प्रश्न : गुमानी जलाशय परियोजना किस जिले से संबंधित है?
उत्तर : गुमानी जलाशय परियोजना साहेबगंज जिले से संबंधित है।

प्रश्न : अमानत बराज योजना झारखण्ड की किस जिले से संबंधित है?
उत्तर : अमानत बराज योजना झारखण्ड की पलामू जिले से संबंधित है, इसे 10 वीं पंचवर्षीय योजना में प्रारंभ किया गया था।

प्रश्न : औरंगा जलाशय परियोजना किस जिले में स्थित है?
उत्तर : औरंगा जलाशय परियोजना पलामू जिले में स्थित है।

प्रश्न : कौन- सी परियोजना झारखण्ड और बिहार की संयुक्त परियोजना है?
उत्तर : बटाने जलाशय परियोजना झारखण्ड और बिहार राज्य की संयुक्त परियोजना है।

प्रश्न : झारखण्ड की कौन – सी नदी दक्षिण- पूर्व की ओर प्रवाहित होती है ?
उत्तर : स्वर्णरेखा नदी 

प्रश्न : झारखण्ड की किस नदी के रेत में सोना पाया जाता है?
उत्तर : स्वर्णरेखा नदी

प्रश्न : जुमर, रारु, काँची, खरकाई एवं संजय किसकी सहायक नदियाँ है?
उत्तर : स्वर्णरेखा नदी

प्रश्न : धनबाद किस नदी के तट पर बसा हुआ है?
उत्तर : दामोदर नदी

प्रश्न : सोन नदी कहाँ से निकलती है?
उत्तर : अमरकंटक की पहाड़ी

प्रश्न : राँची एवं हजारीबाग के पठार को एक – दूसरे से कौन अलग करती है?
उत्तर : दामोदर नदी

 

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