Application of Eddy Current class 12(Application of Eddy Current in Hindi)
1 . प्रेरण भट्टी (Induction Furnace) : प्रेरण भट्टी भवर धाराओं के उष्मीय प्रभाव पर आधारित होती है। जिस धात्विक ब्लॉक को पिघाला जाता है। उसे उच्च आवृति वाले परिवर्ती Magnetic Field में रखा जाता है। इस उच्च Resistance के कारण बड़ी संख्या में हीट उत्पन्न होती है। यह उष्मा अंतत: धात्विक ब्लॉक को पिघला देती है। इसका उपयोग धातु एवं अयस्कों तथा कुछ मिश्र बनाने में प्रयुक्त होती है।
2 . स्पीडोमीटर(Speedometer) : स्पीडोमीटर किसी वाहक की तात्कालिक गति मापने का यंत्र है। वाहक की गति के अनुसार यह Magnet एक एल्युमीनियम के ड्रम में घूर्णन करती है। जिससे इनमे Eddy Current उत्पन्न होती है।
3 . विधुत चुम्बकीय ब्रेक्स (Electromagnetic Brakes) : किसी Electric Train की दुरी के साथ घूर्णन करते धात्विक ड्रम के सिरों पर Strong Magnetic Field आरोपित किया जाता है। इससे धात्विक ड्रम में Eddy Current निर्मित हो जाती है। ये धाराएँ ड्रम के गति का विरोध करती है। जिससे ट्रैन रुक जाता है।
4 . Diathermy : Eddy current का प्रयोग मनुष्य शरीर के उत्तकों में तापन को चिन्हित करने में किया जाता है।
इस प्रकार की Diathermy Treatment कहते है।
5 . ऊर्जामापी(Energy Meter) : Eddy Current के सिंद्धांत का प्रयोग Electric व्यय के मापन हेतु ऊर्जा मापियों में किया जाता है।
Eddy Current : जब किसी Conductor से सम्बंधित Magnetic Flux में परिवर्तन के कारण उसमें Current Induced हो तो उसे हम Eddy Current कहते है।
Eddy current के हानि(Eddy current loss)
- किसी धात्विक ब्लॉक में Eddy current उत्पन्न होने से Electric Energy की हीट के रूप में हानि होती है।
- Eddy current से उत्पन्न हुए हीट इलेक्ट्रिक मशीन अथवा उपकरण के Insulation को समाप्त कर देती है।
- Eddy current अवांछित मंदन Effect उत्पन्न कर सकती है।
भंवर धाराएँ द्वारा हानि को कम करना(Minimization of losses due to Eddy current)
Eddy current द्वारा हुई हानियों को रोकने के लिए धात्विक क्रोड(Metallic Core) के स्थान पर बड़ी संख्या में पतली शीटों जो Electric Insulators होती है। इन्हें पटलन (Laminations) कहते है। ऐसे क्रोड को पटलित क्रोड कहते है। ये शीटे Magnetic Flux के समान्तर रखी जाती है। Insulation , Eddy current के पथ को तोड़ देती है। तथा Eddy current को प्रत्येक शीट पर अवरोधित कर देती है। परिणाम स्वरूप एक शीट में उत्पन्न हुई Eddy current अन्य शीट में उत्पन्न Eddy current से नहीं जोड़ पाती है। जिससे क्रोड में Eddy current के मार्ग नष्ट हो जाते है। अत: Eddy current बहुत अधिक नियंत्रित हो जाती है।
अत: Eddy current द्वारा क्षति H= I2Rt कम किया जाता है।
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